नई दिल्ली:
कैबिनेट ने बुधवार को अगले तीन वर्षों में वस्त्र एवं परिधान उद्योग में एक करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंज़ूरी दे दी। इस फैसले का ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट की बैठक के बाद किया।
सरकार का दावा है कि इस नई पहल की वजह से निर्यात में 30 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होगी और 74,000 करोड़ रुपये का निवेश संभव हो सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि इस सेक्टर में पैदा होने वाली नौकरियां करीब 70 फीसदी महिलाओं को मिलेंगी जो सबसे ज़्यादा इस सेक्टर में काम करती हैं।
कपड़ा मंत्रालय की तरफ से तैयार पैकेज में ये भी कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना में सुधार किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक 15000 रुपये प्रतिमाह से कम आय वाले नए कर्मचारियों के लिए ईपीएफ वैकल्पिक बनाया जाएगा।
मंत्रालय का दावा है कि इस पहल से कामगारों के हाथ में और पैसे आएंगे तथा औपचारिक क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सरकार की तरफ से जारी नोट में कहा गया है : "आईएलओ मापदंडों के अनुरूप कामगारों के लिए ओवर टाइम घंटे प्रति सप्ताह 8 घंटे से अधिक नहीं होगा। इससे कामगारों की आय में वृद्धि होगी। उद्योग की मौसमी प्रकृति को देखते हुए, परिधान क्षेत्र के लिए निर्धारित अवधि रोजगार की शुरुआत की जाएगी और कार्य के घंटों, मजदूरी, भत्ते और अन्य सांविधिक देयताओं के संबंध में एक निर्धारित अवधि कामगार को स्थायी कामगार के बराबर समझा जाएगा।"